सच खबर, मेदिनीनगर। मानव सहित तमाम जीव जगत के प्राणियों के जीवन की कल्पना पानी के बगैर नहीं की जा सकती। हमारे पास अनाज तभी होगा, जब पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो। जीवन के महत्वपूर्ण तत्व पानी को बचाने के लिए संगठित होकर पलामू के नदी नालों सहित वर्षा जल को बचाने का अभियान को तेज करना होगा। साथ ही सामूहिक निर्णय और व्यक्तिगत जिम्मेवारी अभियान के साथ अभियान को आगे बढ़ना होगा। इस कार्य का अधिकार की चर्चा हमारे संविधान के अनुच्छेद में किया गया है। ‘उक्त बातें संविधान दिवस अवसर पर संपूर्ण ग्राम विकास केंद्र द्वारा अंबेडकर पार्क में आयोजित जन चौपाल के दौरान पानी की समस्या और समाधान विषय पर विनोद कुमार ने कही’। चौपाल के प्रारंभ में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर विनोद कुमार, गोपीनाथ पात्रा, राजदेव प्रसाद, आदिल हुसैन ने सामूहिक रूप से माल्यार्पण किया। पलामू इप्टा के जिला सचिव प्रेम भसीन ने नदी -नाला बचाओ अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नदियों का प्रदूषण बढ़ा है। नदियों की सफाई पर भी हमें बात करनी होगी। इप्टा की राष्ट्रीय समिति के कार्यकारिणी सदस्य उपेंद्र कुमार मिश्रा ने बाबा साहब के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए पानी की समस्या उत्पन्न करने वाले तत्वों को चिन्हित किया। साथ ही बताया कि शहर में तालाबों की जितनी संख्या थी; वह आज कम हो गई है, क्योंकि तालाब की जमीन अतिक्रमित कर दुकान और मकान बना लिया गया है। जंगल बचाने का अभियान जो चल रहा है, वह पानी बचाने का प्राथमिक अभियान है। चौपाल की कड़ियों में डॉ संजय, डॉ सीमा, प्रोफेसर अजय, राजदेव, प्रदीप कुमार, जेम्स हेरेंज, गोपीनाथ, शत्रुघ्न आजाद, दशरथ पुष्पा कुमारी, सुनैना देवी, सोनवा देवी सहित अन्य लोगों ने अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया। चौपाल के दौरान प्रेम प्रकाश ने ब्रेख्त द्वारा लिखित यह भूमि नाटिका का एकल अभिनय किया। इस नाटिका के माध्यम से यह प्रस्तुत किया गया कि यह पृथ्वी किसी का पैतृक धन नहीं है और नहीं यह हमारे विलासिता के लिए है। इसके संरक्षण के लिए प्राकृतिक संसाध्. ानों को बचना होगा। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित तमाम लोगों ने नदी नाला बढ़ाने का संकल्प लेते हुए नारा लगाया कि संविधान के रास्ते, पानी के वास्ते आगे बढ़ेंगे। संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता विनोद कुमार एवं संचालन प्रेम प्रकाश ने किया। मौके पर कई गांव के महिला पुरुष सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।