राज्यसभा सांसद ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा किया
रांची। झारखण्ड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश ने सिसई विधायक द्वारा सुखदेवनगर की महिला थानेदार को अपशब्द कहने और बंधक बनाने की धमकी देने वाले मामले की कड़ी निन्दा की है. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि द्वारा इस प्रकार की भाषा अशोभनीय है. सत्ता के नशे में चूर जेएमएम विधायक भाषा की मर्यादा तक भूल गए हैं। एक महिला पुलिस के साथ ऐसा व्यवहार अनुचित है. ‘युद्ध छिड़ा तो रांची को पागल कर देंगे’ जैसे बयान देकर जेएमएम विधायक राज्य को कहीं ना कहीं सुलगाना चाहते हैं। इस मामले में सिसई विधायक पर मुकदमा दर्ज होनी चाहिए। भाजपा नेता ने कई मामलों को लेकर झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा. और कटघरे में खड़ा किया कहा, चाहे राजधानी रांची में होली के पर्व के दौरान हाई-अलर्ट के बावजूद हत्या का मामला हो या फिर जेएमएम विधायक की महिला थानेदार पर दबंगई दिखाने का या फिर रेमडेसिविर के आरोपी द्वारा आत्महत्या करने का मामला. सभी से सरकार की विधि व्यवस्था की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा है कि हाई-अलर्ट के बावजूद राजधानी रांची में होली जैसे रंगों के त्यौहार के दिन अपराधियों द्वारा खून की होली खेली जाती है। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर हेमंत सरकार के तमाम दावे हवा हवाई हैं. रांची के सबसे वीवीआइपी एरिया अशोक नगर जैसे इलाके में दिन के उजाले में एक महिला की चाकू गोदकर हत्या कर दी जाती है तो उसी दिन रात में फिर तुपुदाना 10 माइल चौक के पास एक महिला की गोली मारकर हत्या हो गई। आखिर हजारों की संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती किस काम की है। इसके अलावा रविवार को फिर राजधानी रांची में ही अज्ञात अपराधियों ने हिंदपीढ़ी इलाके में एक युवक पर फायरिंग कर दी तो लोअर बाजार इलाके में एक युवक को चाकू मारकर घायल कर दिया। कहने का तात्पर्य है कि झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह फेल हो चुका है। रांची में दवा व्यवसायी और रेमडिसिविर कालाबाजारी मामले में सीआईडी जांच के आरोपी राकेश रंजन द्वारा अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले से कूदकर आत्महत्या मामले पर भी दीपक प्रकाश ने सवाल उठाया है। दीपक प्रकाश ने कहा है कि इसे सिर्फ आत्महत्या के एंगल से जांच करना उचित नहीं समझा जा सकता है। अगर गहराई से जांच हुई तो संभवतरू कई परतें खुलने की संभावना है। रेमडिसिविर कालाबाजारी में कई बड़ी मछलियां की गर्दन फंसी हुई थी। हो सकता है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए भी इस मामले को आत्महत्या का रंग देने का प्रयास किया गया हो, इसलिए इस मामले की एसआईटी गठित कर जांच आवश्यक है।