सच खबर, मेदिनीनगर। अंतर-संसदीय संघ के नुसा दुसा, बाली, इंडोनेश्यिा में आयोजित 144वें अधिवेशन में 24 मार्च को पलाम सांसद विष्णु दयाल राम ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से कोविड-19 वैक्सीन इक्विटी से सबंधित अति महत्वपूर्ण मामले को रखा। श्री राम ने उक्त अधिवेशन में अपने भाषण के क्रम में वैक्सीन इक्विटी के संबंध में कहा कि कोविड-19 का टीका सभी देशों में जरूरतों के आधार पर और उनकी आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी को आवंटित किया जाना चाहिए। टीकों तक पहुंच और आवंटन जाति, धर्म, आर्थिक, या किसी अन्य सामाजिक स्थिति के भेद-भाव किए बिना प्रत्येक मानव के स्वास्थ्य को ध्यान रखने के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। वैक्सीन इक्विटी पर अंतिम लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक स्पोर्ट की आवश्यकता है। कनाडा और ब्रिटेन जैसे अमीर देश ‘‘वैक्सीन जमाखोरी‘‘ में लिप्त हैं। इस बीच, गरीब और मध्यम आय वाले देशों ने अपने सबसे अधिक पीड़ित व्यक्तियों के स्वास्थ्य और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और वृद्ध लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त खुराक सुरक्षित करने के लिए संघर्ष किया है। देश की क्रय शक्ति के आधार पर आवंटन प्रणाली को रोकने में मदद करने के लिए, कोविड-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस फैसिलिटी, जिसे कोवेक्स के नाम से जाना जाता है, को गरीब और मध्यम आय वाले देशों को उनकी आबादी के अनुसार टीकाकरण करने में मदद करने के लिए बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी 2021 में, भारत ने वैक्सीन मैत्री (वैक्सीन फ्रेंडशिप) पहल शुरू की। वैश्विक स्तर पर कम आय वाले और विकासशील देशों को भारत में बने टीकों को उपहार और आपूर्ति करने के लिए एक प्रमुख कूटनीतिक प्रयास किया गया। सांसद ने उक्त अधिवेशन में बताया कि एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने 14 मार्च, 2022 को जेएनयू के कनाडाई, अमेरिका और लैटिन अमेरिकी अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा कि दुनिया भर में टीकों का समान वितरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन इक्विटी हासिल नहीं हो जाती, तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। आज भारत दुनियाभर में बहुत ही कम समय में वैक्सीन दिलाने में दूसरे स्थान पर है। भारत कोविड-19 टीकाकरण का दायरा विस्तृत करने और लोगों को टीके लगाने की गति को और तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। इसके तहत राज्यों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व में सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके। देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने अपने राज्यों को निःशुल्क कोविड टीके प्रदान कर रही है।